एक बात अपने जीवन में अवश्य याद रखना चाहे कोई तुमसे कितने भी प्यार से पेश आए मगर भूल कर भी कभी अपने जीवन में अपना भेद कभी किसी को मत बताना। आज कल लोग सामने से अच्छा बनने का दिखावा करते हैं मगर पीठ पीछे ही लोग तुम्हारे लिए साजिश रचते हैं।
जब तुम अपने जॉब या पढ़ाई के लिए अपने घर से दूर कहीं अन्य शहर में जा रहे हो, तो उस वक्त इस बात का ध्यान रखना यदि कोई तुमसे मित्रता का हाथ बढ़ाए तो भले ही तुम उससे मित्रता कर लो मगर एक सीमा में रह कर अपने दायरे को मत भूलना।
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1. घर से बाहर रहने वाले छात्र और छात्राओं को किन बातों पर ध्यान रखना चाहिए ?
कोई तुमसे तुम्हारे विषय में अधिक जानकारी हासिल करना चाहे तो ये जरुरी नहीं तुम उसे हर बात सत्य ही बता दो, क्योकि आज इस कलयुग में बहुत कम ही लोग सत्यवादी हैं। इसलिए स्वयं को पहले से ही एक सुरक्षा कवच में बांध कर रखना सीख लो, वरना बाद में अपनी भूल पर तुम्हे ही पछतावा होगा।तुमने अपना घर और अपने माता-पिता को इसलिए छोड़ा हैं,ताकि तुम उनके लिए कुछ कर सको,अपने लक्ष्य को हासिल कर सको, जो तुम्हारे लक्ष्य को बाधित करने का प्रयास करे उसे स्वयं की जिंदगी से बाहर कर दो।
बाहर की दुनिया बड़े शहर और बाहर के लोग जैसे दीखते हैं जरुरी नहीं वो वैसे हो उस चकाचौंध भरी दुनिया में भले ही तुम खो जाओ मगर एक बात अवश्य याद रखना वो चकाचौंध भरी दुनिया बाहर से जितना प्रकाशित दृश्यमान हो रही हकीकत में वो एक गहन अंधकार हैं जहां यदि कोई खो गया तो उसका वहां से बाहर निकल पाना असंभव हैं। यदि कोई वहां से बाहर आ भी गया तो सिवाय पश्चाताप के उसे कुछ हासिल नहीं हो सकता। तो ऐसा कार्य करना ही क्यों जिससे तुम्हे बाद में पछताना पड़े,स्वयं को ऐसा बनाओ की लोग तुमसे बात करने से पहले सौ बार सोचे। कहने का मतलब बाहर से कठोर और अंदर से नर्म।
आज की दुनिया में तो लोग अपने फोन का पासवर्ड तक किसी को नहीं बताते, तो अपनी जिंदगी के बारे में बताना क्या ये उचित हैं ? क्या तुम्हे अपनी जिंदगी प्यारी नहीं ?
चाहे लड़का हो या लड़की यहां मैं दोनों की बात कर रही हूँ, जरुरी नहीं बस लड़के ही गलत और बुरे होते हैं, लड़कियां भी गलत और बुरी होती हैं जो अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक चली जाती हैं। जुर्म एकमात्र लड़के ही नहीं करते, जुर्म को अंजाम लड़कियां भी देती हैं।
यहां जो सच हैं मैं उसकी बात करुँगी।ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता की मैं एक लड़की हूँ तो मैं लड़कियों का हर जगह समर्थन करुँगी, जो गलत हैं चाहे वो लड़का हो या लड़की, मैं उसे गलत ही कहूँगी।अब ऐसा नहीं की तुम जिस भी धर्म या जाति से हो तो तुम ऐसा सोचोगे की हमारे धर्म में कोई अपराध और जुर्म नहीं करता, अपराध और पाप तो पूरी दुनिया में हो रहा, चाहे कोई हिन्दू हो या मुस्लिम,अपराध दोनों समुदाय और धर्म के लोगो से होता हैं।जो गलत हैं वो गलत हैं चाहे वो कोई भी धर्म या जाति का हो।
मैं ये सब इसलिए समझा रही हूँ कि तुम कभी ऐसा मत सोचो की मुझे उससे क्या खतरा हो सकता हैं ?वो तो मेरे ही जाति या धर्म का हैं ? चाहे कोई मुस्लिम हो या हिन्दू, चाहे कोई लड़का हो या लड़की खतरा किसी भी वक्त,किसी से भी हो सकता हैं।
इसलिए पहले से ही स्वयं को सुरक्षित रखने का प्रयास करो और भगवान या मातारानी पर इल्जाम लगाना बंद करो क्योकि वो तुम्हे समझा सकते हैं, किसी भी रूप में तुम्हारा मार्गदर्शन कर सकते हैं, मगर तुम उनकी बातो को कितना समझते हो और उसका पालन करते हो ये तुम पर निर्भर करता हैं। जब तुम सब कुछ जानते हुए भी कांटे बिछे रास्ते पर चलने का प्रयास करोगे,जानबूझ कर अग्नि में प्रवेश करने का प्रयास करोगे,तो भगवान या मातारानी क्या करेगी ? मनुष्य की इच्छा और मनुष्य का चुनाव ही उसे सही और गलत अंजाम तक ले जाता हैं।
2. हमें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए किन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए ?
खुद ही अपनी ढाल बनो, अपने हौसले को बुलंद करो, गलत रास्ते और गलत फैसले से सदा ही दूर रहो, कभी स्वयं की अच्छाइयों को किसी के लिए बदलने का प्रयास मत करो। अपने अतीत,वर्त्तमान और भविष्य को कभी किसी से उजागर मत करो। कभी भी किसी को अपनी कमजोरियों का पता ना चलने दो। ना ही स्वयं पर किसी को हावी होने दो,ना ही तुम किसी पर हावी होने का प्रयास करो।
इस बदलते युग में तुम सच्चे मित्र ढूंढने चले हो, खुद को ही अपना मित्र समझो,खुद को ही अपना हमराज क्योकि सच्चे दिल से और ईमानदारी से जो तुम्हारा साथ निभा सके ऐसा दिल नहीं हो सकता हर किसी के पास।