यदि अच्छे होकर भी तुम्हे कोई सम्मान नहीं देता तो इसमें भूल तुम्हारी नहीं बल्कि भूल उसकी हैं जिसमे सही,गलत,अच्छे और बुरे को पहचानने की परख नहीं हैं।
अक्सर इस संसार में लोग इस बात से ज्यादा दुखी रहते हैं की लाख अच्छाई के रास्ते पर चल कर भी उन्हें कभी किसी से वो सम्मान और प्यार नहीं मिला जिसके वो हकदार हैं। कुछ लोग व्यर्थ की बातों में अपना कीमती वक्त ऐसे लोगो के लिए बर्बाद कर देते हैं जो लोग वक्त पर उनका साथ नहीं देते आज मैं अपने लेख के माध्यम से समस्त संसार को एक सीख प्रदान करना चाहती हूँ यदि किसी ने मेरे दिए गए इस सीख को अपने जीवन में अमल कर लिया तो आजीवन वो सभी तनाव और चिंताओं से स्वयं को मुक्त पाएगा।
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1. लोगों को अपनी अहमियत का एहसास कैसे कराएं ?
मैं आज इस संसार में बसे सभी मनुष्यों को यही सीख देना चाहूंगी की क्यों व्यर्थ की बातों में और व्यर्थ के लोगो में अपना कीमती समय और अनमोल जीवन बर्बाद करते हो तुम ये क्यों नहीं सोचते यदि वाकई में उन लोगो को तुम्हारी परवाह होती तुम्हारी अच्छाई की कद्र होती तो वो अवश्य तुम्हारे जज़्बात की कद्र करते तुम्हे सदा सम्मान देते,तुम यदि उन्हें अपनी भूल का एहसास कराना चाहते हो तो तुम्हे स्वयं को एक विशाल चट्टान की तरह बनाना होगा जो कभी हार नहीं मानता ना कोई उसे हिला सकता हैं ना ही कोई उसका कुछ बिगाड़ सकता हैं, क्योकि जो चट्टान से टकराने की भूल करते हैं वो स्वयं ही आहत हो जाते हैं मगर चट्टान को एक खरोच भी नहीं आती।
तुम्हे किसी का अहित नहीं करना हैं, ना ही तुम्हे किसी की निंदा करनी हैं क्योकि ये तुच्छ कार्य एक अच्छे चरित्र और अच्छे व्यक्तित्व की पहचान नहीं बल्कि एक कायरता का और कुरुरता का परिचय कहलाता हैं। दुसरो की जिंदगी में ताक-झांक वो करते हैं जिन्हे कोई काम नहीं होता मगर जो इस दुनिया में कुछ बड़ा करने आए हैं उन्हें बस अपनी जिंदगी से मतलब होता हैं ना तो वो किसी की निंदा करते हैं और ना ही किसी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं।
2. खुद को व्यर्थ की बातों से कैसे दूर रखे ?
तुम पूरी दुनिया को नहीं बदल सकते क्योकि ये कार्य तुम्हारे लिए आसान नहीं इस दुनिया को एकमात्र कोई बदल सकता हैं तो वो हैं भगवान मगर तुम स्वयं को तो बदल सकते हो अपनी सोच को तो बदल सकते हो। यदि आप दुनिया को नहीं बदल सकते तो आप अपना दृष्टिकोण बदल दीजिए फिर ये दुनिया आपको स्वयं ही बदलती नजर आएगी कहने का अर्थ हैं व्यर्थ की बातों को मत सोचो जो तुम्हे कष्ट देता हैं,उन लोगो को मत याद करो जो तुम्हे पल भर में भूल गए।
जो लोग तुम्हारे दुःख का कारण बने तुम उनके लिए स्वयं को दुखी कर रहे हो यानि तुम अपने शत्रु की मदद कर रहे हो जो तुम्हे खुश नहीं देखना चाहते यदि तुम लोगो को अपनी भूल एहसास कराना चाहते हो, तो आज से ही खुद को बदल डालो, खुद से प्यार करो,अपनी खुशियों की परवाह करो अपने जीवन में आगे बढ़ो फिर देखो लोग कैसे तुम्हारी ओर खींचे चले आते हैं।
3. जिंदगी किसके दामन को खुशियों से भर देती है ?
क्योकि यही इस दुनिया का उसूल हैं जो किसी की हद से ज्यादा परवाह करता हैं दिन-रात दुखी रहता हैं लोग उसके जज़्बात की कभी कद्र नहीं करते हैं मगर जो इंसान अपनी जिंदगी की कीमत को समझता हैं खुद से प्यार करना जानता हैं फिर जिंदगी उसकी खुशियों की कीमत को समझने लगती हैं और उसकी जिंदगी खुशियों से भर देती हैं।
व्यर्थ की बातों से रहो दूर, क्यों हो अपनी खुशियों के लिए तुम दुसरो पर मजबूर,इसमें तुम्हारी जिंदगी का भला क्या कसूर ? ये जिंदगी बहुत खूबसूरत हैं जिसने अपनी जिंदगी के महत्व को जान लिया समझो उसने ईश्वर के सानिध्य को पा लिया।