''इंसानियत '' व्यक्तित्व की पहचान। (''Humanity'' Is The Identity Of Personality.)

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इंसानियत ही आपके व्यक्तित्व की पहचान है। आज आप चाहे कितने भी बड़े बंगले में रहो, महंगी गाड़ियों में घूमो इससे आपके व्यक्तित्व पर कोई असर नहीं होगा, ना ही महंगी गाड़ियों में घूमने से, बड़े आलिशान बंगले में रहने से आपकी पहचान होगी क्योकि ऐसे बहुत से लोग है दुनिया में जिनके पास महंगी गाड़ियां,आलिशान बंगला होगा इससे क्या फर्क पड़ता है ? कुछ लोगों के लिए ये बहुत बड़ी बात होगी मगर मेरे हिसाब से ये आम बात है।कुछ समझदार लोग समझ गए होंगे मैंने ऐसा क्यों कहा ?


मैंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि बड़े पद को हासिल करने से ज्यादा पैसे का रूतबा दिखाने से कुछ लाभ नहीं होता ना ही बड़ी पहचान हासिल होती है क्योंकि आज कुछ लोग ऐसे मौजूद है जिनमें पैसे और ऊंचे बड़े पद का इतना अभिमान होता है उन्हें सब खुद से छोटे नजर आते है ऐसे लोग सबको अपने पाँव की जूती समझने की भूल कर जाते है। क्योंकि पैसे की चकाचौंध भरी दुनिया में उनकी आँखे धुंधली पड़ जाती है जिससे उन्हें सत्य और असत्य का पता नहीं चल पाता। 


ऐसे ऊंचे पद पर पहुंचने के बाद भी लोग आपकी निंदा करते है क्योकि अपनी व्यक्तित्व की पहचान आपने खो दिया, आप ये भूल गए आपके व्यक्तित्व की पहचान है इंसानियत, जब आपमें इंसानियत ही नहीं रही तो आपको बड़ी पहचान शौर्य और जीत कैसे हासिल हो सकती है ? इंसानियत से ही मनुष्य जाना जाता है वरना मनुष्य होने का कोई लाभ नहीं यदि तुम पशु तुल्य आचरण करो। 


1. इंसानियत से आप क्या समझते है ?


इंसानियत वो जो कभी स्वार्थ और लालच में नहीं उलझता, इंसानियत वो जिसमें सबके लिए आदर और सम्मान बसा होता है। इंसानियत वो जो कभी किसी को खुद से छोटा नहीं समझता। इंसानियत वो सदैव धर्म और न्याय का पालन करता है। इंसानियत वो जो कभी किसी को हानि या नुकसान पहुंचाने का ख्याल अपने दिल में नहीं ला सकता। इंसानियत वो जो जाति, धर्म, अपने पराए के मतभेद में नहीं उलझता। इंसानियत वो जो किसी भी स्त्री पर कुदृष्टि नहीं डाल सकता, जो सदैव हर स्त्री को सम्मान भरी नजरों से देखता है, ये है इंसानियत। जो कितने भी बड़े ऊंचे पद को हासिल कर ले मगर उसमें कभी अहंकार जागृत नहीं होता ये है इंसानियत। जो खुद से पहले दूसरो के खुशियों के लिए सोचता है ये है इंसानियत। 


2. क्यों है इंसानियत व्यक्तित्व की पहचान ?


इंसानियत व्यक्तित्व की पहचान से एक गहरा जुड़ाव रखता है मान लो आप किसी अधिकारी से मिलने गए मगर वो अभिमान वश आपको एक आम इंसान समझ कर आपसे मिलने से मना कर देता है और किसी बड़े मंत्री या किसी बड़े कारोबारी से मिल कर केवल उन्हें सम्मान देता है तो ऐसे में आपको उस अधिकारी की पहचान उसके पद से प्राप्त होती है या उसके व्यक्तित्व से ? इसका जवाब है व्यक्तित्व क्योकि बड़े पद से भी कहीं ज्यादा बड़ा है इंसानियत, बड़े पद तो हासिल करना आसान है मगर खुद में इंसानियत को जागृत रखना बेहद कठिन। आज कोई बड़ा पद हासिल कर भी लेता है मगर वो अपने पैसे और रूतबे के गुरूर में आ कर किसी गरीब असहाय पर जुल्म करता है तो आपका ध्यान उसके ऊंचे पद पर नहीं जाएगा बल्कि उसके व्यक्तित्व पर जाएगा और आप यही कहोगे क्या फायदा ऐसे ऊंचे पद का जब इसके अंदर इंसानियत ही नहीं। अब आप समझ गए होंगे कि इंसानियत कैसे और क्यों व्यक्तित्व की पहचान है। 


3. मान - सम्मान से जुड़ी है इंसानियत। 


इंसानियत में ही ईश्वर का वास होता है, आज इस कलयुग में आ कर भी यदि आपमें कोई गलत आदत नहीं, कोई अवगुण नहीं तो मान लेना आप ईश्वर के बहुत खास हो।भले ही आपके पास धन का आभाव हो, भले ही आपके पास बड़ा आलिशान बंगला या गाड़ी ना हो मगर यदि आपमें इंसानियत का वास है तो आपका व्यक्तित्व सबसे खास है जो आपको ईश्वर की नजरों में एक खास स्थान देता है, जो आपको समाज में मान सम्मान देता है ये आपके लिए बहुत बड़ी बात है। आज सोशल मीडिया पर देखे ना जाने कितने बड़े से बड़े सेलिब्रिटी, अधिकारी,मंत्री,नेता सब ऊंचे पद को प्राप्त करने के बावजूद भी अपनी अज्ञानता वश अभिमान वश इंसानियत को भुला कर हर दिन चर्चा में रहते है कितने लोग उनकी निंदा भी करते है, ऊंचे पद को हासिल करने के बाद भी उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है क्योकि उन्होंने अपने अंदर इंसानियत को भुला रखा है। 






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  1. I completely agree with you because humanity is the existence of man. Very beautiful article, keep writing like this, your words touch the heart because the truth is hidden in your article.👍

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